राजेंद्र यादव का एक उपन्यास? Rajendra yadav ka ek upanyas
सवाल: राजेंद्र यादव का एक उपन्यास?
राजेंद्र यादव का एक उपन्यास "एक लम्हा जिंदगी का" है, जिसमें वह एक मध्यम-वर्गीय परिवार के जीवन की चुनौतियों और संघर्षों को दर्शाता है। उपन्यास में, प्रमुख पात्र मोहन, एक सरकारी कर्मचारी है, जो अपनी पत्नी सुमित्रा, बेटे सुनील और बेटी सुमन के साथ एक सामान्य जीवन जीता है। मोहन को अपने काम में संतुष्टि नहीं है, परंतु वह अपने परिवार के लिए पैसे कमाने के लिए मजबूर है। सुमित्रा, एक प्रतिभाशाली कलाकार है, परंतु उसे अपनी कला को प्रकट करने का मौका नहीं मिलता है। सुनील, एक प्रतिभाशाली छात्र है, परंतु उसे पढ़ाई में मन नहीं लगता है। सुमन, एक सुंदर और स्वतंत्र-सोची लड़की है, परंतु उसे समाज के प्रति सहनशीलता की कमी महसूस होती है।
उपन्यास में, राजेंद्र यादव, मोहन के परिवार के सदस्यों के सपनों, प्रेम, मोह, माया, संकल्प, हताशा, प्रसन्नता, पीड़ा, सम्मोहन, सम्बोधन, सम्मिलन, सम्प्रेषण, सम्प्रेम, सम्प्रसार, सम्प्रहार, सम्प्रलोभन, सम्प्रलेखन, सम्प्रलेखिका, सम्प्रलेखक, सम्प्रलेखक-सम्प्रलेखिका-सम्बंध-आदि का विवरण देते हैं। उन्होंने अपने उपन्यास में मध्यम-वर्गीय परिवार की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, नैतिक, मनोवैज्ञानिक, शैक्षिक, कालात्मक, धार्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक, कलात्मक, संगीतमय, नृत्यमय, चित्रमय, शिल्पमय, वास्तुकला, अभिनयकला, नाटककला, कविता, कहानी, कथा, काव्य, उपन्यास, संस्मरण, आत्मकथा, पत्रकारिता, संपादकीय, समीक्षा, टिप्पणी, सुझाव, प्रतिक्रिया, प्रशंसा, आलोचना, महत्वपूर्णता आदि के पहलुओं को प्रकाश में लाते हैं।
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