बच्चों के लिए हिन्दी कविताएं
आज में बच्चों के मन को लुभाने वाली कुछ कविताएँ लिख के लाया हूँ। इसमें सब के कवि अलग-अलग है। और अगर बड़े है तो आपके लिए पूरी कविता सारणी बना चूका हूँ। दो रास्ते से हम बच्चों को यह कविताएँ पढ़ा सकते है। जिसमे पहला तरीका जो मैंने लिख के नीचे आपको प्रस्तुत किया है। और दूसरा तरीका है की आप बच्चों को वीडियो के जरिये यह कविताएं सुनायें।
उठो मेरे प्यारे दुलारे
उठो मेरे प्यारे दुलारे,नी नी को भगाओअब प्यारे।सब उठ गएदेखो प्यारे,सूरज दादा छा गए नभ मे।नहा धोकर होजाओ तैयार,फिर कर लो नाश्तागरम गरम है तैयार।स्कूल की घंटी हैबजने वाली,चलो अब स्कूलजाने की करो तैयारी।आने वाली है स्कूल की गाड़ी,स्कूल जाकरभविष्य की करो तैयारी।पढ़ लिख कर बनजाओ महान,सारे जहां में कर दोमम्मी पापा का नाम।रोज सुबह सूरज आसमान में आकररोज सुबह सूरज आसमान में आकर,हम सबको नींद से जगाता है।शाम हुई तो लाली फैलाकर,अपने घर को चला जाता है।दिन भर खुद को जला जलाकर,यह प्रकाश फैलाता है।कभी नहीं करता आलस्य,रोज नियम से समय पर आता जाता।कभी नहीं करता है घमंड,बादलों के संग भी लुकाछिपी खेलता है।उसका जीना ही जीना है,जो काम सभी के आता है।तितली रानी बड़ी सयानीतितली रानी बड़ी सयानी,रंग बिरंगे फूलों पर जाती है।फूलों से रंग चुरा कर,अपने पंखों को सजाती है।कोई हाथ लगाए,तो छूमंतर हो जाती है।पंखों को फड़फड़ा कर,हर फूल पर वो मंडराती है।घूम-घूम कर सारे फूलों की,खुशबू वो ले जाती है।फूलों का मीठा रस पीकर,दूर जाकर पंखों को सहलाती है।रंग बिरंगी तितली रानी,बड़ी सयानी।उठो कन्हैया जागो भैयाउठो कन्हैयाजागो भैयापूरब में सूरज उगायाअंधियारे को दूर भगाया।सदा जरूरीनींद भी पूरीभोर में सोना गलत बताया।मां ने गोदी ले दुलरायाचिड़िया चहकीबगिया महकीफूलों का चेहरा मुस्कुराया।भंवरों ने गुनगुन गायापवन सुगंधी मंदी मंदीभर लाई सेहत की मायातन को छूती मन हरषाया।भोर में जगनारोज घूमनासेहत का यह राज कहायादादाजी ने मंत्र बताया।उठो कन्हैयाजागो भैयापूरब में सूरज उगायाअंधियारे को दूर भगाया।– विनीतगरम गरम लड्डू सा सूरजगरम गरम लड्डू सा सूरज,लिपटा बैठा लाली में,सुबह सुबह रख आया कौन,इसे आसमान की थाली मे।मूंदी आँख खोली कलियों ने,बागों में रंग बिरंगे फूल खिलाए,चिड़ियों ने नया गान सुनाया,भंवरों ने पंखों से ताली बजाई।फुदक फुदक कर रंग बिरंगी,तितलियों की टोली आई,पंख फैलाकर मोर ने नाच दिखाएं,तो कोयल ने भी कुक बजाई।उठो उठो अब देर ना हो जाए,कहीं सुबह की रेल निकल न जाए,अगर सोते रह गए तो,आगे नहीं बढ़ पाएंगे।बच्चे दिल के सच्चेबच्चे दिल के सच्चे,सबको प्यारे लगते।हंसते मुस्कुराते बच्चे,अपनी ही दुनिया में खोए रहते।दौड़ भाग उछल कूद करते बच्चे,सबको प्यारे लगते बच्चे।तोतली बोली बोल कर,सबको अपना बना लेते बच्चे।ना किसी से बैर रखते बच्चे,सबके साथ घुलमिल जाते।अपनी बात मनवाने हो तो रो देते,बच्चे सबको प्यारे लगते।मासूम सी प्यारी शरारते करते बच्चे,बच्चे दिल के सच्चे।स्कूल की बस आयीस्कूल की बस आयी,पीली चदर ओढ़ के आयी।जब टी-टी पी-पी करती,सब बच्चे खींचे चले आते।रोज घर से स्कूल, स्कूल से घर,हमें सुरक्षित पहुंचाती।मम्मी पापा हमें बस में बिठाते,बस में बैठते ही दोस्त यार मिल जाते।ड्राइवर दादू बस चलाते,ब्रेकर आए तो सब उछल जाते।फिर हम सब शोर मचाते,खुशी खुशी हम बस में बैठ कर जाते।देखो देखो स्कूल की बस आयी,पीली चदर ओढ़ कर आयी।देखो देखो कालू मदारी आयादेखो देखो कालू मदारी आया,संग में अपनी बंदरिया लाया।डम डम डम डम डमरू बजाया,यह देख टप्पू चिंटू-पिंटू आया।सुनीता पूजा बबीता आयी,देखो देखो कालू मदारी आया।फिर जोर-जोर से मदारी ने डमरू बजाया,बंदरिया ने उछल कूद पर नाच दिखाया।उल्टा पुल्टा नाच देख कर सब मुस्कुराए,फिर सब ने जोर-जोर से ताली बजाई।देखो देखो कालू मदारी आया,संग में अपनी बंदरिया लाया।इब्न बतूता पहन के जूताइब्न बतूता पहन के जूता,निकले है बड़ी शान से।रास्ते में आया तूफान,थोड़ी हवा नाक में घुस गई,घुस गई थोड़ी कान में।आंखों में मिट्टी फंस गई,कभी नाक, कभी कान,तो कभी आंख मलते इब्न बतूता।इस बीच निकल पड़ा उनका जूता,उड़ता उड़ता जा पहुंचा जापान में,गिर पड़े संभल ना पाए।इब्न बतूता देखतेरह गए आसमान में।छुक छुक करती रेलगाड़ी आयीछुक छुक करती रेलगाड़ी आयी,पो पो पी पी सीटी बजाती आयी,इंजन है इसका भारी-भरकम।पास से गुजरती तो पूरा स्टेशन हिलाती,धमधम धमधम धमधम धमधम,पहले धीरे धीरे लोहे की पटरी पर चलती।फिर तेज गति पकड़ कर छूमंतर हो जाती,लाल बत्ती पर रुक जाती,हरी बत्ती होने पर चल पड़ती।देखो देखो छुक छुक करती रेलगाड़ी,काला कोट पहन टीटी इठलाता,सबकी टिकट देखता फिरता।भाग भाग कर सब रेल पर चढ जाते,कोई टूट न पाए इसलिए,रेलगाड़ी तीन बार सीटी बजाती।छुक छुक करती रेलगाड़ी आयी।चिड़ियों के थे बच्चे चारचिड़ियों के थेबच्चे चार,निकले घर सेपंख पखार।पूरब सेपश्चिम को आए,उत्तर सेदक्षिण को जाएं।उत्तर दक्षिणपूरब पश्चिम,देख लियाहमने जग सारा।अपना घरखुशियों से भरा,सबसे न्यारासबसे प्यारा।
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