सोवियत संघ के विघटन के कारणों का वर्णन कीजिए? Soviyat Sangh ke Vighatan ke Karno ka Varnan kijiye
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सवाल: सोवियत संघ के विघटन के कारणों का वर्णन कीजिए?
सोवियत संघ के विघटन के पीछे कई कारण थे जो मिलकर इस महासंघ के अस्तित्व को संकट में डाल दिया। प्रमुख कारणों में सबसे महत्वपूर्ण उल्लेखनीय था सोवियत इतिहास में घटित राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन।
यह प्रक्रिया दशकों तक चली और एकाधिक कारकों का संयोग हुआ जिसमें शामिल थे आर्थिक अस्थिरता, आर्थिक विफलता, व्यापारिक परिवर्तनों की मांग, अशांति, व्यक्तिगत स्वतंत्रता की मांग और राष्ट्रवादी गतिविधियों में बदलाव। यह प्रभावित हुआ उदारवादी आंदोलन, आर्थिक विस्तार, नेतृत्व की कमजोरी, राजनीतिक परिवर्तन और शक्तिप्रदान के असंतुलन के माध्यम से।
दूसरे महत्वपूर्ण कारण के रूप में सामाजिक और राजनीतिक तंगी और आर्थिक विफलता की तनावपूर्ण परिस्थितियाँ थीं। लोगों के बीमारी और अवसाद, राष्ट्रियता के भावनात्मक संकट, राष्ट्रीयता की भावना की कमी, राष्ट्रीय विचारधारा की समस्याएं, स्वतंत्रता और मतभेदों की अवहेलना और अपरिहार्य सांप्रदायिक और जातिगत टकरावें थीं।
तीसरे, सोवियत संघ के विघटन का एक महत्वपूर्ण कारण था ग्लासनोस्त ध्रुवीयकरण की नीति और द्विपक्षीय संघर्ष। यह ध्रुवीयकरण नीति उत्प्रेरक रूप से अमेरिका और रूस के बीच विपक्षी स्थितियों की निर्माण की ओर जाती थी, जो सोवियत संघ के अलगाव का कारण बना।
इन सभी कारणों के संगठित संयोग ने सोवियत संघ के विघटन की प्रक्रिया को गतिशील और अवधारणाओं में बदल दिया। विघटन के बाद, सोवियत संघ के बचे हुए देशों ने अलग-अलग राष्ट्रीयताओं और आर्थिक मॉडलों की ओर रुख किया। इसके साथ ही, विश्व राजनीतिक स्केप भी बदल गया और सोवियत संघ के विघटन ने विश्व राजनीतिक मंच को पुनर्स्थापित किया।
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