समतल मैदान में पहुँचकर नदियाँ कैसी हो जाती हैं? Samtal maidan mein pahunch kar nadiya kaisi ho jati hai
सवाल: समतल मैदान में पहुँचकर नदियाँ कैसी हो जाती हैं?
कवि नागार्जुन के अनुसार, जब नदिया हिमालय पर्वत से होते हुई, समतल मैदान में पहुंचती है, तो वह विशाल हो जाते हैं। जब वह पहाड़ों में परवाह करते हैं, तो उन्हें संकरे एवं छोटे रास्तों से निकलना पड़ता है, जिस कारण का आकार छोटा होता है। पहाड़ों में परंतु जब वह नदियों समतल भाग में पहुंचती हैं, तो उन्हें किसी भी प्रकार का कोई संकरे मार्ग नहीं होते वह एक विशाल रूप में परिवर्तित नदियां हो जाते हैं। उनको देखना ही अद्भुत होता है।
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