श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए। Shvasan ko ooshmaakshepee abhikriya kyon kahate hain? varnan keejie.

श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।


सवाल: श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए।

श्वसन ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाता है क्योंकि इसमें वायु अंदर से बाहर की ओर ऊष्मा के साथ निकाली जाती है। यह प्रक्रिया श्वसन मार्ग (जिसे श्वसन प्रणाली भी कहते हैं) के माध्यम से होती है। 


श्वसन प्रणाली में मुख्यतः तीन प्रमुख अंग होते हैं - फेफड़ों, श्वसन नलिका और श्वसनमंडल। श्वसन मार्ग की शुरुआत नाक और मुँह से होती है, जहां वायु भीतर की ओर प्रवेश करती है। इसके बाद, वायु गले के पीछे स्थित श्वसन नलिका में जाती है। फेफड़ों के अंदर, श्वसन नलिका दो उपशाखाओं में विभक्त होती है जिन्हें ब्रॉंचाइल्स कहा जाता है। ये ब्रॉंचाइल्स फेफड़ों की छोटी-छोटी टकटकियों में बंटे हुए होते हैं, जिनसे वायु फेफड़ों के अंदरी भाग में पहुंचती है। फेफड़ों के अंदर, वायु सूक्ष्म रेशों के माध्यम से अत्यंत सूक्ष्म पदार्थों तक पहुंचती है, जहां गैस विनिमय होता है और ऊष्मा निकाली जाती है। इस प्रक्रिया में श्वसनमंडल मांसपेशियों के द्वारा नीतिबद्धता उत्पन्न करता है, जिससे श्वसन प्रक्रिया सहजता से होती है। 


इस तरीके से, श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहा जाता है क्योंकि यह ऊष्मा को शरीर से निकालता है और वायु को बाहरी वातावरण में छोड़ता है। यह प्रक्रिया मानव शरीर के ऊष्माक्षेपी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और नियमित रूप से श्वसन द्वारा ऊष्मा निकालना शरीर के सामान्य कार्यों का अहम हिस्सा है।

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