छायावाद की दो विशेषताएं लिखिए? Chhayavad ki do visheshtaen likhiye?


सवाल: छायावाद की दो विशेषताएं लिखिए?

छायावाद (Chhayavad) हिंदी साहित्य में एक लोकप्रिय आंदोलन था, जिसने 20वीं सदी के आधीनमें प्रमुखता प्राप्त की थी। यह आंदोलन हिंदी काव्य के लिए एक प्रकार का रूपांतरण लाया, जिसमें भावनाओं, भावुकताओं और सौंदर्य के प्रतीकों का महत्वपूर्ण स्थान था। निम्नलिखित हैं छायावाद की दो विशेषताएं:

1. भावनात्मकता (Emotionalism): छायावाद काव्य में भावनात्मकता को महत्व दिया जाता है। भावों की गहराई, व्यक्तिगत अनुभव और भावुकता के माध्यम से कविताएं रची जाती हैं। भावों की अद्भुतता, प्रेम, विरह, दुःख, खुशी, उत्कंठा और व्यक्तिगत परिवर्तन छायावाद के मुख्य लक्ष्य होते हैं। छायावादी कविताएं आमतौर पर अधिक रोमांचक और भावुक होती हैं और पाठकों के मन में गहरे असर छोड़ती हैं।

2. छायाकारी (Imagery): छायावादी काव्य में छायाकारी (Imagery) को महत्वपूर्ण माना जाता है। शब्दों, अलंकारों और संज्ञानात्मक विवरणों के माध्यम से कवि चित्रणात्मक और संवेदनशील चित्र उत्पन्न करता है। यह चित्रण रंग, सुर, गंध और स्पर्श के अतिरिक्त एकांत अनुभव और भावात्मकता को भी साझा करता है। छायावादी कविताओं में आकृति, प्राकृतिक पदार्थ, प्रकृति के प्रतीक, सौंदर्य और स्पर्श के साधारणतः विवरणात्मक चित्रण होते हैं।

छायावादी आंदोलन ने हिंदी साहित्य में भावनात्मकता और छायाकारी के माध्यम से अद्वितीय काव्यत्मक अनुभव प्रस्तुत किया। यह आंदोलन हिंदी काव्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

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