ग्रामीण समाज की विशेषताएं बताइए? Gramin samaj ki visheshta bataiye?
Monday, November 08, 2021
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ग्रामीण समाज की विशेषताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:
1. संघटनशीलता: ग्रामीण समाज में संघटनशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोग गांव के सामाजिक और आर्थिक मामलों को संगठित रूप से हल करने के लिए साझा मुद्दों पर मिलकर काम करते हैं। इससे समाज की समृद्धि, सामाजिक न्याय, और सामरिक विकास प्राप्त होता है।
2. सामाजिक संरचना: ग्रामीण समाज में सामाजिक संरचना की विशेषता होती है। यहां लोगों का समाजिक आदान-प्रदान अक्सर सख्त व्यवस्थितता और हियरार्की के आधार पर होता है। परंपरागत समाजिक वर्गीकरण, जाति-धर्म के आधार पर रोजगार और सामाजिक स्थान तय होता है।
3. कृषि आधारित अर्थव्यवस्था: ग्रामीण समाज की मुख्य विशेषता होती है कृषि आधारित अर्थव्यवस्था। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर निर्भरता होती है। लोग कृषि और जलवायु के अनुकूलता के आधार पर खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि में लगे रहते हैं।
4. सम्पर्क में कमी: ग्रामीण समाज में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले सम्पर्क कम हो सकता है। इसके कारण ग्रामीण समाजों में अक्सर परंपरागत संस्कृति, रीति-रिवाज और ग्रामीण जीवनशैली बनी रहती है।
5. समुदाय की सहायता: ग्रामीण समाज में समुदाय की सहायता और पूर्णता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं, साझा संसाधनों का उपयोग करते हैं और समाज के हर सदस्य का सम्मान करते हैं।
ये विशेषताएं ग्रामीण समाज की आमतौर पर देखी जाने वाली हैं, लेकिन स्थानीय संस्कृति, क्षेत्रीय विभिन्नताएं और सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के आधार पर ये विशेषताएं भिन्नता दिखा सकती हैं।
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