जाल पड़ने पर पानी क्यों बह जाता है? Jaal padane par paanee kyon bah jaata hai?
Sunday, November 21, 2021
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सवाल: जाल पड़ने पर पानी क्यों बह जाता है?
रहीम दास जी के प्रसिद्ध दोहे जाल परे जल जात बहि, यदि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को ,तऊ न छांडति छोह।।
इस दोहे के अनुसार रहीम जी कहना चाहते हैं की जल को मछलियों से कोई प्रेम नहीं होता है क्योंकि जब जाल फेंका जाता है तब सारी मछलियां उस जाल में फंस जाती हैं और जल उन मछलियों को अकेला छोड़ कर आगे बह जाता है।
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