पुरस्कार कहानी की मूल संवेदना क्या है? Puraskar kahaanee kee mool samvedna kya hai?
सवाल: पुरस्कार कहानी की मूल संवेदना क्या है?
पुरस्कार कहानी की मूल संवेदना प्रेम एवं मुक्त चेतना है। उन्होंने कहानी के माध्यम से सच्चे नागरिक होने के कारण और उनको पकड़वा देती हैं, किंतु प्रेम के प्रति अपनी निष्ठा भी देखते हैं, वह भी पुरस्कार के रूप में प्राण दंड की मांग करती हैं। यही कहानी मूल संवेदना है, जिसमें कि जहां कर्तव्य एवं निष्ठा दोनों का करना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। इस कहानी के माध्यम से कवि बताना चाहते हैं, कि कई बार हमारे जीवन में ऐसा हो जाता है, कि हम प्रेम को छूने या फिर निष्ठा को छूने जिससे हम कर्तव्य को पूर्ण कर कई बार हमारे जीवन में ऐसी समस्या नहीं लगती हैं, कि हम कर्तव्य एवं निष्ठा के साथ प्रेम को भी एक साथ लेकर चलना पड़ता है।
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