पर्यावरण निश्चयवाद से क्या आशय है? Paryavaran nishyawad se kya aashya hai
सवाल: पर्यावरण निश्चयवाद से क्या आशय है?
पर्यावरण निश्चयवाद का आशय होता है कि पर्यावरणीय मुद्दों को संज्ञान करते हुए सामाजिक, आर्थिक और नैतिक मानदंडों के आधार पर समस्याओं का समाधान प्रदान किया जा सकता है। इस प्रवृत्ति का मूल मंत्र है "समृद्धि के साथ संरक्षण"।
पर्यावरण निश्चयवाद एक संबंधित और समुचित प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा देता है जो जीवनकारी पदार्थों, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरणीय सेवाओं के उपयोग में सुसंगतता, संतुलन और समन्वय सुनिश्चित करती है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है और साथ ही पर्यावरण को हानि पहुंचाने की मात्रा को कम से कम रखा जाता है।
पर्यावरण निश्चयवाद से संबंधित मुख्य आशय और उद्देश्यों में से कुछ हैं:
1. सतत विकास: पर्यावरण निश्चयवाद विकास के साथ साथ पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन को सुनिश्चित करने का माध्यम है। इसका लक्ष्य है समृद्धि को सुनिश्चित करते हुए पर्यावरणीय संसाधनों का ध्यानपूर्वक और उचित उपयोग करना।
2. संतुलित संरचना: पर्यावरण निश्चयवाद का माध्यम होता है संतुलित संरचना को सुनिश्चित करने का, जिसमें विकास के साथ साथ पर्यावरणीय विकास और संरक्षण के बीच संतुलन होता है। इससे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मानकों का पालन होता है और उच्च गुणवत्ता की जीवनशैली प्रदान की जाती है।
पर्यावरण निश्चयवाद विभिन्न क्षेत्रों में लागू हो सकता है, जैसे वन्यजीव उत्पादन, जलवायु परिवर्तन का सामुदायिक नियंत्रण, संरक्षण क्षेत्रों का प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पारिस्थितिकी नियंत्रण और सामुदायिक सहभागिता को प्रभावी बनाना।
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