आत्मकथा और जीवनी में क्या अंतर है? Aatmkatha aur jIvanI mein antar hai

आत्मकथा और जीवनी में क्या अंतर है?


सवाल: आत्मकथा और जीवनी में क्या अंतर है?

आत्मकथा और जीवनी दोनों ही लेखन रूप हैं जो किसी व्यक्ति के जीवन की कहानी को व्यक्त करने के उद्देश्य से लिखे जाते हैं। इन दोनों में अंतर होता है उनके लिखने के तरीके और ध्यान केंद्र पर।


आत्मकथा:

- आत्मकथा एक व्यक्तिगत लेखन है जिसमें व्यक्ति अपने आपकी कहानी को लिखता है। यह व्यक्तिगत अनुभवों, विचारों, भावनाओं, और जीवन दृष्टिकोण को संकलित करता है।

- आत्मकथा व्यक्ति के अंतर्निहित अनुभव, उसकी संघर्षों, सफलताओं, विफलताओं, संघर्षों आदि पर ध्यान केंद्रित करती है। यह व्यक्ति के जीवन की व्यक्तिगत दृष्टि से है और व्यक्ति की अपनी दृष्टि से लिखी जाती है।

- आत्मकथा आमतौर पर अपने आपसे परिचय कराने, अपनी पहचान बताने, या अपने अभिप्रेत अनुभवों को साझा करने के उद्देश्य से लिखी जाती है।


जीवनी:

- जीवनी एक व्यक्तिगत या ऐतिहासिक व्यक्ति की कहानी होती है जो उनके जीवन, साहसिक कार्य, योग दान, सामाजिक परिवर्तन आदि पर आधारित होती है।

- जीवनी व्यक्ति के जीवन के बाहर की परिस्थितियों, उनके सामाजिक, ऐतिहासिक, या सांस्कृतिक महत्वपूर्णता पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करती है। इसमें उनकी संघर्षों, सफलताओं, विफलताओं, आदि के साथ-साथ उनके सामाजिक या ऐतिहासिक संदर्भों को भी दर्शाया जाता है।

- जीवनी आमतौर पर ऐतिहासिक व्यक्तियों, नेताओं, कलाकारों, लेखकों, या किसी अन्य प्रमुख व्यक्ति की कहानी को लिखने के उद्देश्य से लिखी जाती है। इसका उद्देश्य उनके जीवन और योगदान की प्रशंसा करना, उनके प्रेरणादायक कार्यों को प्रस्तुत करना, और उनके सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व को संज्ञान में लाना होता है।

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