चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता कैसे बढ़ाई जा सकती है? Chal kundali dharamapi ki sugrahita kese badaye jati hai
Tuesday, September 12, 2023
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सवाल: चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता कैसे बढ़ाई जा सकती है?
चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- कुंडली में फेरों की संख्या (N) बढ़ाना। कुंडली में फेरों की संख्या बढ़ाने से कुंडली का क्षेत्रफल बढ़ जाता है, जिससे कुंडली में उत्पन्न बल-आघूर्ण बढ़ जाता है और विक्षेप भी बढ़ जाता है।
- स्थायी चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र (B) बढ़ाना। स्थायी चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र बढ़ाने से कुंडली में उत्पन्न बल-आघूर्ण बढ़ जाता है और विक्षेप भी बढ़ जाता है।
- कुंडली का क्षेत्रफल (A) बढ़ाना। कुंडली का क्षेत्रफल बढ़ाने से कुंडली में उत्पन्न बल-आघूर्ण बढ़ जाता है और विक्षेप भी बढ़ जाता है।
- कुंडली को हल्का करना। कुंडली को हल्का करने से उसका जड़त्व आघूर्ण कम हो जाता है, जिससे विक्षेप जल्दी हो जाता है।
इन उपायों को एक साथ या अलग-अलग करके चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता को बढ़ाया जा सकता है।
चल कुंडली धारामापी की सुग्राहिता का व्यंजक निम्नलिखित है:
S = k × n × B × A / c
जहाँ,
- S = धारामापी की सुग्राहिता
- k = स्थिरांक
- n = कुंडली में फेरों की संख्या
- B = स्थायी चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र
- A = कुंडली का क्षेत्रफल
- c = कुंडली का जड़त्व आघूर्ण
उपरोक्त उपायों से कुंडली में n, B, और A के मान बढ़ जाते हैं, जिससे धारामापी की सुग्राहिता बढ़ जाती है।
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