मेसोपोटामिया सभ्यता के कृषि व्यवसाय के बारे में लिखिए? Mesopotamia sabhyata ke khesari vyavsay ke bare me likhiye
सवाल: मेसोपोटामिया सभ्यता के कृषि व्यवसाय के बारे में लिखिए?
मेसोपोटामिया सभ्यता की कृषि व्यवसाय एक महत्वपूर्ण आधार था। मेसोपोटामिया एक उपजाऊ क्षेत्र था, जिसकी नदियां, दजला और फरात, सिंचाई के लिए पानी प्रदान करती थीं। मेसोपोटामिया के लोग गेहूं, जौ, फलियां, सब्जियां और खजूर की खेती करते थे। वे पशुपालन भी करते थे, जिसमें भेड़, बकरी, सूअर और मवेशी शामिल थे।
मेसोपोटामिया के लोग कृषि के लिए कई तकनीकों का उपयोग करते थे। उन्होंने कुओं और नहरों का निर्माण किया ताकि सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी हो सके। उन्होंने फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए उर्वरक और कीटनाशकों का उपयोग किया। उन्होंने पशुओं को पालतू बनाया और उनका उपयोग दूध, मांस और खाद के लिए किया।
मेसोपोटामिया के कृषि व्यवसाय ने इस सभ्यता की अर्थव्यवस्था और संस्कृति को आकार दिया। कृषि ने भोजन और आय प्रदान की, जिसने शहरों और साम्राज्यों के विकास को सक्षम किया। कृषि ने धार्मिक मान्यताओं और कला को भी प्रभावित किया।
मेसोपोटामिया की कृषि व्यवसाय की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- सिंचाई पर निर्भरता: दजला और फरात नदियों से सिंचाई के लिए पानी प्राप्त किया जाता था।
- विविध फसलों की खेती: गेहूं, जौ, फलियां, सब्जियां और खजूर की खेती की जाती थी।
- पशुपालन: भेड़, बकरी, सूअर और मवेशी पालतू बनाए गए थे।
- तकनीकों का उपयोग: कुएं, नहरें, उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग किया जाता था।
मेसोपोटामिया की कृषि व्यवसाय ने इस सभ्यता को कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। इनमें शामिल हैं:
- भोजन और आय: कृषि ने भोजन और आय प्रदान की, जिसने शहरों और साम्राज्यों के विकास को सक्षम किया।
- तकनीकी विकास: कृषि ने सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे तकनीकों के विकास को प्रेरित किया।
- सांस्कृतिक विकास: कृषि ने धार्मिक मान्यताओं और कला को प्रभावित किया।
मेसोपोटामिया की कृषि व्यवसाय एक जटिल और विकसित प्रणाली थी जो इस सभ्यता की सफलता के लिए आवश्यक थी।
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