दांडी यात्रा का वर्णन कीजिए? Dandi yatra ka varnan kijiye
सावल: दांडी यात्रा का वर्णन कीजिए?
दांडी यात्रा, जिसे नमक मार्च या दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है, 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक भारत में अहिंसक सविनय अवज्ञा का एक कार्य था। चौबीस दिवसीय मार्च 12 मार्च 1930 से 5 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चला।
इस मार्च का एक अन्य कारण यह था कि सविनय अवज्ञा आंदोलन को एक मजबूत उद्घाटन की आवश्यकता थी जो अधिक लोगों को गांधी के उदाहरण का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करे। गांधी ने इस मार्च की शुरुआत अपने 78 भरोसेमंद स्वयंसेवकों के साथ की थी। मार्च 240 मील (390 किमी), साबरमती आश्रम से दांडी तक फैला, जिसे उस समय (अब गुजरात राज्य में) नवसारी कहा जाता था।
दांडी यात्रा का उद्देश्य ब्रिटिश नमक कानून को तोड़ना था, जो भारतीयों को बिना लाइसेंस के नमक बनाने या बेचने से रोकता था। गांधी ने तर्क दिया कि नमक एक बुनियादी आवश्यकता है और इसका एकाधिकार एक अन्याय है।
यात्रा का मार्ग साबरमती आश्रम से गुजरात के तटीय शहर दांडी तक था, जो गुजरात के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। गांधी और उनके अनुयायी हर दिन औसतन 16 मील (26 किमी) की दूरी तय करते थे। मार्ग के साथ-साथ, उन्होंने ग्रामीण आबादी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध करने के लिए प्रोत्साहित किया।
5 अप्रैल 1930 को, गांधी और उनके अनुयायियों ने दांडी में समुद्र के किनारे पहुंचकर नमक कानून का उल्लंघन किया। उन्होंने समुद्र से नमक निकाला और इसे बेचा। इस कार्रवाई ने पूरे भारत में सविनय अवज्ञा आंदोलन को प्रेरित किया।
दांडी यात्रा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी। इसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों के प्रतिरोध को मजबूत करने में मदद की और अंततः भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
दांडी यात्रा के कुछ प्रमुख परिणाम निम्नलिखित हैं:
- यह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों के प्रतिरोध को मजबूत करने में मदद की।
- इसने भारत में सविनय अवज्ञा आंदोलन को बढ़ावा दिया।
- इसने अंततः भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया।
दांडी यात्रा को भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। यह एक ऐसे समय में आया था जब भारतीय लोग ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे। यात्रा ने भारतीयों को एकजुट करने और ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित करने में मदद की।
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