वर्साय की संधि का उद्देश्य क्या था? Varsay ki sandhi ka uddeshy kya tha

वर्साय की संधि का उद्देश्य क्या था?


सवाल: वर्साय की संधि का उद्देश्य क्या था?

वर्साय की संधि का उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता स्थापित करना था। यह संधि मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी के साथ की गई थी। संधि के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे:

  • जर्मनी को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराना और उसे युद्ध के लिए दंडित करना।
  • जर्मनी की सैन्य शक्ति को कम करना ताकि वह भविष्य में युद्ध न कर सके।
  • जर्मनी के उपनिवेशों को मित्र राष्ट्रों के बीच बांटना।
  • जर्मनी को आर्थिक रूप से कमजोर करना ताकि वह मित्र राष्ट्रों के लिए कोई खतरा न बन सके।

संधि के अनुसार, जर्मनी को निम्नलिखित शर्तों को मानना पड़ा:

  • जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और उसे भारी युद्ध क्षतिपूर्ति का भुगतान करना पड़ा।
  • जर्मनी की सेना को 100,000 सैनिकों तक सीमित कर दिया गया।
  • जर्मनी को अपने विमान और नौसेना को नष्ट करना पड़ा।
  • जर्मनी को अपने उपनिवेशों को मित्र राष्ट्रों के बीच बांटना पड़ा।
  • जर्मनी को अपनी सीमा के भीतर सैन्य ठिकानों का निर्माण नहीं करने दिया गया।

वर्साय की संधि को जर्मनी के लिए बहुत ही कठोर और अपमानजनक माना जाता है। इस संधि ने जर्मनी में भारी असंतोष पैदा किया और अंततः द्वितीय विश्व युद्ध का कारण बना।

संधि के कुछ अन्य प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित थे:

  • जर्मनी को लीग ऑफ नेशंस का सदस्य बनना पड़ा।
  • जर्मनी को अपने पूर्वी सीमाओं को मित्र राष्ट्रों के साथ स्वीकार करना पड़ा।
  • जर्मनी को पोलैंड को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देनी पड़ी।

वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस संधि ने यूरोप के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया।

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