अखिल भारतीय देसी लोक परिषद की स्थापना कब हुई? Akhil bhartiya desi lok parishad ki sthapna kab hui
सवाल: अखिल भारतीय देसी लोक परिषद की स्थापना कब हुई?
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद की स्थापना 1927 में हुई थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य ब्रिटिश राज की रियासतों में वैध और शांतिपूर्ण उपायों के द्वारा और उन रियासतों के राजाओं के संरक्षण में एक उत्तरदायी सरकार की स्थापना करना था।
इस परिषद की स्थापना का श्रेय राजस्थान के युवा राजनेता जय नारायण व्यास को जाता है। उन्होंने 1926 में उदयपुर में एक बैठक बुलाई, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए रियासतों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में अखिल भारतीय देसी लोक परिषद की स्थापना का प्रस्ताव पारित किया गया।
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद का पहला अधिवेशन 1927 में उदयपुर में हुआ था। इस अधिवेशन में परिषद का संविधान अपनाया गया। परिषद के अध्यक्ष के रूप में जय नारायण व्यास को चुना गया।
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद ने रियासतों में राजनीतिक सुधारों के लिए कई आंदोलन चलाए। इन आंदोलनों के कारण रियासतों में जनमत जागरूकता बढ़ी और राजाओं को अपने शासन में सुधार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने रियासतों को भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद की स्थापना भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसने रियासतों में लोकतंत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद के कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- रियासतों में राजनीतिक सुधारों के लिए आंदोलन चलाना
- रियासतों को भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना
- रियासतों में जनमत जागरूकता बढ़ाना
- रियासतों में लोकतंत्र के विकास में योगदान देना
अखिल भारतीय देसी लोक परिषद ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने रियासतों को भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके कारण रियासतों ने स्वतंत्र भारत में शामिल होने का फैसला किया।
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