जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?


सवाल: जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?

लेखिका ने जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा इसलिए कहा है क्योंकि आज के समय में धर्म और जाति के आधार पर लोगों में बहुत अधिक भेदभाव है। लोग एक-दूसरे से दूर हो रहे हैं और आपसी सहयोग और भाईचारे की भावना कम होती जा रही है।

लेखिका के बचपन के समय में ऐसा नहीं था। उस समय लोग धर्म और जाति की परवाह किए बिना एक-दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहते थे। लेखिका के परिवार और जवारा के नवाब के परिवार के बीच भी ऐसे ही संबंध थे। दोनों परिवार एक-दूसरे के पड़ोसी थे और उनके बीच बहुत घनिष्ठ संबंध थे। वे एक-दूसरे के घरों में आते-जाते रहते थे और त्योहारों और अन्य अवसरों पर एक-दूसरे की मदद करते थे।

लेखिका के परिवार में जवारा के नवाब के बच्चों को राखी बांधी जाती थी और उनकी पत्नी को "ताई" कहा जाता था। जवारा के नवाब के परिवार में भी लेखिका के परिवार के लोगों को सम्मान दिया जाता था।

आज के संदर्भ में ऐसे संबंध स्वप्न जैसे लगते हैं क्योंकि आज लोग धर्म और जाति के आधार पर एक-दूसरे को अलग-थलग कर रहे हैं। वे एक-दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहने के बजाय, एक-दूसरे के प्रति शत्रुतापूर्ण भावना रखते हैं।

लेखिका के बचपन के समय के ऐसे स्वप्न जैसे संबंधों को वापस लाने के लिए हमें सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। हमें धर्म और जाति की परवाह किए बिना एक-दूसरे के साथ प्रेम और सद्भाव से रहना चाहिए।

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