विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
सवाल: विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए?
विजयनगर साम्राज्य (1336-1565) दक्षिण भारत में एक शक्तिशाली साम्राज्य था। इस साम्राज्य के मंदिरों को उनकी विशालता, जटिल वास्तुकला और कला के लिए जाना जाता है।
विजयनगर मंदिरों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- विशालता: विजयनगर मंदिर विशाल थे। कुछ मंदिरों की ऊंचाई 100 फीट से अधिक थी और उनमें हजारों स्तंभ थे।
- जटिल वास्तुकला: विजयनगर मंदिरों की वास्तुकला अत्यधिक जटिल और परिष्कृत थी। मंदिरों में अक्सर कई मंजिलें होती थीं और उनमें विभिन्न प्रकार के आर्किटेक्चरल तत्व होते थे।
- कला: विजयनगर मंदिरों में कला का अद्भुत काम होता था। मंदिरों की दीवारों और छतों को अक्सर मूर्तियों, चित्रों और शिलालेखों से सजाया जाता था।
- धर्म: विजयनगर मंदिर हिंदू धर्म के लिए समर्पित थे। मंदिरों में अक्सर भगवान विष्णु, शिव और देवी पार्वती की मूर्तियां होती थीं।
विजयनगर मंदिरों की वास्तुकला में दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय शैलियों का मिश्रण है। मंदिरों में अक्सर दो प्रकार के गोपुरम होते थे: प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करने वाला एक बड़ा गोपुरम और मंदिर के गर्भगृह के ऊपर स्थित एक छोटा गोपुरम। मंदिरों में अक्सर एक मंडप भी होता था, जो एक बड़ा खुला हॉल होता था जहां भक्त पूजा कर सकते थे।
विजयनगर मंदिरों की कला में विभिन्न प्रकार के धार्मिक और पौराणिक विषयों का चित्रण किया गया है। मंदिरों की दीवारों और छतों पर अक्सर भगवान, देवी, देवता, राक्षस और अन्य पौराणिक जीवों की मूर्तियां होती हैं। मंदिरों में अक्सर चित्र और शिलालेख भी होते हैं जो हिंदू धर्म के इतिहास और सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
विजयनगर मंदिर दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों में से हैं। ये मंदिर विजयनगर साम्राज्य की समृद्धि और शक्ति का प्रतीक हैं और हिंदू धर्म के इतिहास और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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