बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए? Bor ke parmanu model ki vyakhya kijiye

बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए?


सवाल: बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए?

बोर के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के केंद्र में एक छोटा, धनात्मक आवेश वाला नाभिक होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल विशेष निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं जिन्हें ऊर्जा स्तर कहते हैं। इन कक्षाओं को वृत्ताकार माना जाता है और इनकी त्रिज्याओं को प्लांक स्थिरांक (h) और मुख्य क्वांटम संख्या (n) के संबंध से व्यक्त किया जा सकता है।

बोर के परमाणु मॉडल के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • परमाणु का केंद्र में एक छोटा, धनात्मक आवेश वाला नाभिक होता है।
  • नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं।
  • इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर केवल विशेष निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
  • इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते हैं।
  • इन कक्षाओं की त्रिज्याओं को प्लांक स्थिरांक (h) और मुख्य क्वांटम संख्या (n) के संबंध से व्यक्त किया जा सकता है।

बोर के परमाणु मॉडल ने हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, यह मॉडल अधिक जटिल परमाणुओं के लिए लागू नहीं होता है।

बोर के परमाणु मॉडल के दो मुख्य कमियां निम्नलिखित हैं:

  • यह मॉडल इलेक्ट्रॉन की कक्षा की वास्तविक प्रकृति को समझाने में असमर्थ है।
  • यह मॉडल अधिक जटिल परमाणुओं के लिए लागू नहीं होता है।

1920 के दशक में, क्वांटम यांत्रिकी के विकास ने परमाणु की एक अधिक सटीक तस्वीर प्रदान की। हालांकि, बोर के परमाणु मॉडल को अभी भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है जिसने परमाणु की मूल संरचना को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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