गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए? Gurutvakarshan ka sarvatrik niyam likhiye
Saturday, December 30, 2023
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सवाल: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए?
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम के अनुसार,
"दो पिंडों के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।"
इस नियम को निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:
F = G * (m1 * m2) / r^2
जहाँ,
- F = गुरुत्वाकर्षण बल
- G = गुरुत्वीय स्थिरांक (6.674 * 10^-11 N * m^2 / kg^2)
- m1, m2 = दो पिंडों के द्रव्यमान
- r = दो पिंडों के बीच की दूरी
इस नियम के अनुसार,
- गुरुत्वाकर्षण बल हमेशा आकर्षण बल होता है।
- गुरुत्वाकर्षण बल की दिशा हमेशा दो पिंडों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।
- गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण दो पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है। इसका अर्थ है कि यदि दो पिंडों में से किसी एक का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए, तो गुरुत्वाकर्षण बल भी दुगुना हो जाएगा।
- गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण दो पिंडों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसका अर्थ है कि यदि दो पिंडों के बीच की दूरी दोगुनी कर दी जाए, तो गुरुत्वाकर्षण बल एक चौथाई हो जाएगा।
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम ब्रह्मांड में सभी पिंडों के बीच कार्य करता है। यही नियम पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए बाध्य करता है, चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए बाध्य करता है, और हमें पृथ्वी पर रखता है।
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