कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि कौन है? Krishna bhakti shakha kavi kon hai

कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि कौन है?


सवाल: कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि कौन है?

कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि निम्नलिखित हैं:

  • सूरदास (1478-1583) - सूरदास कृष्ण भक्ति शाखा के सबसे प्रमुख कवि माने जाते हैं। उनकी रचनाओं में कृष्ण के बाल-लीलाओं का वर्णन अत्यंत भावपूर्ण और मनमोहक है। सूरदास की प्रमुख रचनाएँ हैं सूरसागर, सूरसागर की टीका, और साहित्य लहरी
  • नंददास (1532-1602) - नंददास सूरदास के समकालीन कवि थे। उनकी रचनाओं में भी कृष्ण के बाल-लीलाओं का वर्णन किया गया है। नंददास की प्रमुख रचनाएँ हैं गोवर्धन लीला, कृष्ण लीला, और कृष्ण-चम्पू
  • रसखान (1533-1618) - रसखान कृष्ण भक्ति शाखा के एक अन्य प्रमुख कवि थे। उनकी रचनाओं में कृष्ण के प्रति उनके प्रेम और भक्ति का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया गया है। रसखान की प्रमुख रचनाएँ हैं सूरदास के पदावली, महामहिमा, और उत्तर सागर
  • मालती-माधव - मालती-माधव एक नाटक है जिसकी रचना कृष्ण भक्ति शाखा के एक अज्ञात कवि ने की थी। यह नाटक कृष्ण और राधा के प्रेम की कथा है।

इनके अलावा, कृष्ण भक्ति शाखा के अन्य प्रमुख कवियों में महाप्रभु वल्लभाचार्य, कुंज बिहारी, गोविंद स्वामी, लालदास, और अष्टछाप के कवि आदि शामिल हैं।

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