सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारणों एवं परिणामों का वर्णन करें? Savinye avgya aandoln ke karno or parinaamo ka varnan kare
सवाल: सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारणों एवं परिणामों का वर्णन करें?
सविनय अवज्ञा आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा 1920 में शुरू किया गया एक अहिंसक आंदोलन था। इसका उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता दिलाना था। आंदोलन के चार मुख्य कारण थे:
- खिलाफत आंदोलन: खिलाफत आंदोलन एक मुस्लिम आंदोलन था जो तुर्की के सुल्तान को उनके खिलाफ युद्ध में ब्रिटिशों द्वारा समर्थन देने के विरोध में था। गांधी जी ने इस आंदोलन का समर्थन किया और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के साथ जोड़ दिया।
- जलियाँवाला बाग हत्याकांड: जलियाँवाला बाग हत्याकांड एक नरसंहार था जो 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। ब्रिटिश सेना ने एक शांतिपूर्ण सभा में गोलीबारी की, जिसमें 379 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इस हत्याकांड ने भारतीयों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ आक्रोश पैदा किया।
- महात्मा गांधी का नेतृत्व: गांधी जी एक कुशल नेता और वक्ता थे। उन्होंने भारतीयों को अहिंसा और सत्याग्रह के सिद्धांतों के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने लोगों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण रूप से प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित किया।
- भारतीय जनता का समर्थन: सविनय अवज्ञा आंदोलन को भारतीय जनता का व्यापक समर्थन मिला। लोगों ने बड़े पैमाने पर इस आंदोलन में भाग लिया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन के कई महत्वपूर्ण परिणाम हुए। इसमें शामिल हैं:
- भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी गई। आंदोलन ने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होने और प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित किया।
- भारतीय जनता में राष्ट्रीय चेतना का विकास हुआ। आंदोलन ने भारतीयों को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।
- ब्रिटिश सरकार को भारत में अपने शासन की नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया गया। आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को भारत में सुधारों को लागू करने के लिए मजबूर किया।
सविनय अवज्ञा आंदोलन भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। इसने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होने और प्रतिरोध करने के लिए प्रेरित किया। इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी और भारतीय जनता में राष्ट्रीय चेतना का विकास किया।
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