जलवायु किसे कहते हैं? Jalvayu kise kahte hai


सवाल: जलवायु किसे कहते हैं?

जलवायु किसी स्थान के वातावरण की दशा को व्यक्त करने के लिये प्रयोग किया जाता है। यह शब्द मौसम के काफी करीब है। पर जलवायु और मौसम में कुछ अन्तर है। जलवायु बड़े भूखंडो के लिये बड़े कालखंड के लिये ही प्रयुक्त होता है जबकि मौसम अपेक्षाकृत छोटे कालखंड के लिये छोटे स्थान के लिये प्रयुक्त होता है।

जलवायु को निर्धारित करने वाले कारकों में शामिल हैं:

  • अक्षांश: अक्षांश बढ़ने के साथ-साथ तापमान कम होता जाता है।
  • ऊंचाई: ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान कम होता जाता है।
  • समुद्र से दूरी: समुद्र से दूरी बढ़ने के साथ-साथ तापमान कम होता जाता है।
  • सागरीय धाराएँ: सागरीय धाराएँ तापमान को प्रभावित करती हैं।
  • वायुदाब: वायुदाब तापमान को प्रभावित करता है।
  • पवनें: पवनें तापमान और वर्षा को प्रभावित करती हैं।
  • भूमि की बनावट: भूमि की बनावट तापमान और वर्षा को प्रभावित करती है।

जलवायु का अध्ययन करने वाले विज्ञान को क्लाइमटोलॉजी कहा जाता है।

जलवायु के मुख्य प्रकार हैं:

  • उष्णकटिबंधीय जलवायु: इस जलवायु में वर्ष भर तापमान अधिक रहता है।
  • समशीतोष्ण जलवायु: इस जलवायु में वर्ष भर तापमान मध्यम रहता है।
  • शीतकटिबंधीय जलवायु: इस जलवायु में वर्ष भर तापमान कम रहता है।

जलवायु में परिवर्तन प्राकृतिक और मानव-निर्मित दोनों कारणों से हो सकता है। प्राकृतिक कारणों में शामिल हैं:

  • सूर्य की गतिविधि: सूर्य की गतिविधि में परिवर्तन जलवायु को प्रभावित कर सकता है।
  • ज्वालामुखीय विस्फोट: ज्वालामुखीय विस्फोट वातावरण में धूल और गैसों को छोड़ते हैं, जो जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं।
  • सागरीय धाराएँ: सागरीय धाराओं में परिवर्तन जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं।

मानव-निर्मित कारणों में शामिल हैं:

  • कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन: कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है, जो पृथ्वी के तापमान को बढ़ाती है।
  • जंगलों की कटाई: जंगलों की कटाई पृथ्वी के तापमान को बढ़ाती है।
  • अन्य प्रदूषण: अन्य प्रदूषण भी जलवायु को प्रभावित कर सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन के कई संभावित प्रभाव हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तापमान में वृद्धि: तापमान में वृद्धि से समुद्र का स्तर बढ़ सकता है, मौसम की चरम घटनाएं अधिक बार हो सकती हैं, और पारिस्थितिक तंत्र बदल सकते हैं।
  • मौसम की चरम घटनाएं: मौसम की चरम घटनाएं, जैसे बाढ़, सूखे, और तूफान, अधिक बार और अधिक गंभीर हो सकती हैं।
  • समुद्र का स्तर बढ़ना: समुद्र का स्तर बढ़ने से तटीय क्षेत्रों में बाढ़ और अन्य नुकसान हो सकता है।
  • पारिस्थितिक तंत्र का परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन से पारिस्थितिक तंत्र बदल सकते हैं, जिससे कुछ प्रजातियों को खतरा हो सकता है।

जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है जिसका ग्लोबल स्तर पर सामना किया जाना चाहिए।

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