कुल उपयोगिता का अर्थ लिखिए? Kul upyogita ka arth likhiye
सवाल: कुल उपयोगिता का अर्थ लिखिए?
अर्थशास्त्र में, कुल उपयोगिता किसी वस्तु या सेवा के उपभोग से प्राप्त होने वाली कुल संतुष्टि को दर्शाती है। यह किसी वस्तु या सेवा की एक निश्चित मात्रा से प्राप्त होने वाली उपयोगिता का योग है।
कुल उपयोगिता को निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है:
TU = U1 + U2 + U3 + ... + Un
जहाँ,
- TU = कुल उपयोगिता
- U1, U2, U3, ..., Un = प्रत्येक एकाई से प्राप्त उपयोगिता
उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि एक व्यक्ति एक रोटी खाता है और इससे उसे 100 इकाई की उपयोगिता प्राप्त होती है। यदि वह दूसरी रोटी खाता है, तो उसे इससे 80 इकाई की उपयोगिता प्राप्त होती है। यदि वह तीसरी रोटी खाता है, तो उसे इससे 60 इकाई की उपयोगिता प्राप्त होती है। तो, व्यक्ति की कुल उपयोगिता 240 इकाई होगी।
कुल उपयोगिता एक घटता हुआ कार्य है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक अतिरिक्त इकाई से प्राप्त उपयोगिता घटती जाती है। इस घटते हुए उपयोगिता का कारण यह है कि व्यक्ति की आवश्यकताएं पहले से ही कुछ हद तक पूरी हो जाती हैं।
कुल उपयोगिता का सिद्धांत माँग सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह सिद्धांत यह समझने में मदद करता है कि उपभोक्ता विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की मांग क्यों करते हैं।
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