शिशु सदन क्या है? Sisu sadhan kya hai
सवाल: शिशु सदन क्या है?
शिशु सदन एक ऐसा संस्थान है जो अनाथ या लावारिस बच्चों की देखभाल करता है। इन बच्चों को भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। शिशु सदन का उद्देश्य इन बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में पालन-पोषण करना और उन्हें एक बेहतर भविष्य प्रदान करना है।
शिशु सदन में आमतौर पर 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे रहते हैं। इन बच्चों को उनके माता-पिता की मृत्यु, तलाक, या किसी अन्य कारण से छोड़ दिया जाता है। शिशु सदन में इन बच्चों को एक परिवार जैसा वातावरण प्रदान किया जाता है।
शिशु सदन में बच्चों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैं:
- भोजन: शिशु सदन में बच्चों को तीन समय का संतुलित भोजन प्रदान किया जाता है।
- वस्त्र: बच्चों को स्वच्छ और आरामदायक वस्त्र प्रदान किए जाते हैं।
- आवास: बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ आवास प्रदान किया जाता है।
- शिक्षा: बच्चों को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रदान की जाती है।
- चिकित्सा: बच्चों को नियमित रूप से चिकित्सा जांच और उपचार प्रदान किया जाता है।
शिशु सदन के बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेने के अवसर प्रदान किए जाते हैं। इन गतिविधियों में खेल, संगीत, कला, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल हैं।
भारत में शिशु सदन का प्रबंधन आमतौर पर सरकार या गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किया जाता है। सरकार द्वारा संचालित शिशु सदन को "बाल गृह" भी कहा जाता है।
शिशु सदन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान है। यह संस्थान अनाथ या लावारिस बच्चों को एक बेहतर भविष्य प्रदान करने में मदद करती है।
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