मिलर ने अपने प्रयोग में कौन कौन से पदार्थ लिए? Milar ne apne prayog me kon kon se pradat liye
सवाल: मिलर ने अपने प्रयोग में कौन कौन से पदार्थ लिए?
मिलर-यूरे प्रयोग एक प्रयोग था जिसने दिखाया कि पृथ्वी के शुरुआती वायुमंडल में मौजूद अकार्बनिक यौगिकों से अमीनो एसिड का निर्माण हो सकता है। यह प्रयोग 1953 में स्टैनले मिलर और हेरोल्ड यूरे द्वारा शिकागो विश्वविद्यालय में किया गया था।
प्रयोग में निम्नलिखित पदार्थों का उपयोग किया गया:
- पानी (H2O)
- मीथेन (CH4)
- अमोनिया (NH3)
- हाइड्रोजन (H2)
इन पदार्थों को एक बंद फ्लास्क में रखा गया था और 800 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया गया था।
फ्लास्क में इलेक्ट्रोड की एक जोड़ी भी रखी गई थी, जिसका उपयोग गैस मिश्रण के माध्यम से विद्युत निर्वहन उत्पन्न करने के लिए किया गया था।
विद्युत निर्वहन ने गैसों को आयनित किया, जिससे रासायनिक प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला शुरू हुई।
इन प्रतिक्रियाओं के परिणामस्वरूप, कई अमीनो एसिड का निर्माण हुआ, जो प्रोटीन के निर्माण खंड हैं।
मिलर-यूरे प्रयोग जीवन की उत्पत्ति के बारे में हमारी समझ के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
इसने दिखाया कि सरल अकार्बनिक यौगिकों से जटिल कार्बनिक यौगिकों का निर्माण कैसे हो सकता है, जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
प्रयोग के परिणामों ने इस विचार का समर्थन किया कि जीवन पृथ्वी पर स्वतंत्र रूप से उत्पन्न हो सकता है।
मिलर-यूरे प्रयोग के बाद से, कई अन्य प्रयोग किए गए हैं जिन्होंने दिखाया है कि विभिन्न प्रकार के कार्बनिक यौगिकों का निर्माण अकार्बनिक यौगिकों से किया जा सकता है।
इन प्रयोगों ने जीवन की उत्पत्ति के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाने में मदद की है।
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